INDICATORS ON वशीकरण मंत्र किसे चाहिए YOU SHOULD KNOW

Indicators on वशीकरण मंत्र किसे चाहिए You Should Know

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वशीकरण का आकर्षण पैदा होता है और आप आसानी से दुसरो के बिच अपनी बाते मनवा सकते है.

शेरों का एक समूह देवी कामाख्या की पूजा कर रहा है।

विधि: इस मंत्र को किसी शुभ मुहूर्त में अपनी क्षमता अनुसार जप कर सिद्ध कर लें। इसके बाद, प्रयोग के समय शुक्रवार को एक पुष्प लें और मंत्र का सात बार जाप करके उसे अभिमंत्रित करें। फिर उस पुष्प को जिस भी स्त्री पर फेंका जाएगा, वह मंत्र के प्रभाव से मोहित हो जाएगी।

विधि: पति को वश में करने का यह मन्त्र सवा लाख बार जप करने पर सिद्ध हो जाता है। प्रयोग के समय इसका एक सौ आठ बार जप करें। किसी वस्तु को मंत्राभिषिक्त कर पति को खिला दें। वह सदा आज्ञाकारी बना रहेगा।

यदि उसे आँख खोलने पर दिखाई न दे, अर्थात् वह किसी ऐसी जगह हो, जहाँ विला जाए, उसे देखा नहीं जा सकता तो पैरों से भी काम लेना होगा। किसी किसी काम में हाथ, पैर, आंख, कान आदि सभी इन्द्रियों का काम आ पड़ता है। किसी में केवल बुद्धि का और किसी में केवल आत्मा का।

राजहंस का स्वतः गिरा हुआ पंख, कोचनी का पुष्प एवं सफेद गाय का दूध- इन सबको मिलाकर खीर बनाएं। फिर उपर्युक्त मन्त्र द्वारा खीर की एक सौ आठ आहुतियाँ दें। इससे मन्त्र सिद्ध हो जाएगा। प्रयोग के समय नित्य ग्यारह दिनों तक इसी मन्त्र का एक सौ जप करके इच्छित स्त्री या पुरुष का ध्यान करें। जिसका भी ध्यान किया जाएगा, वह वश में हो जाएगा।

यह मंत्र देवी कामाख्या की शक्ति का आह्वान करता है, ताकि किसी खास व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित किया जा सके।

चेतावनी: किसी भी मंत्र का उपयोग केवल सकारात्मक और नैतिक उद्देश्यों के लिए करें। इसे किसी की स्वतंत्र इच्छा को बाधित करने, छल करने, या अनैतिक लाभ के लिए प्रयोग न करें, क्योंकि इससे नकारात्मक परिणाम और दुष्प्रभाव हो सकते हैं। मंत्र जाप में पवित्रता, श्रद्धा, और सच्ची भावना आवश्यक है। इसे मनोरंजन या खेल के रूप में न लें। यदि अनुभव न हो, तो किसी योग्य गुरु या विशेषज्ञ का मार्गदर्शन लें।

इन्हें धारण करने से व्यक्ति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

ऐसा नहीं है की आप तिलक लगाकर बाहर निकले और सामने वाला वशीकरण की तरह व्यवहार करे. इसके प्रभाव से सामने वाला आपकी बात नहीं काट click here पायेगा.

(ध्यान के लिए एक-एक शब्द को समझना जरूरी है, हालांकि इसका मंत्र संस्कृत में भी उपलब्ध है, लेकिन ध्यान पक्ष का मंत्र हिंदी में दिया गया है ताकि साधक को अर्थ समझने में कोई बाधा न आए।)

ॐ नमो आकाश की योगिनी पातालनाग, उठि हनुमंत जी ‘फलानी’ को लाग, परै न निद्रा बैठे न सुख, जोबो देखे न मेरो मुख, तब तक नहिं परै हिये में सुख, लाऊ जो वाकू पियो, मोहि दीखै ठण्डी हो जाय, आवत न काहू दिखाय, आउ आउ मेरे आगे लाउ, न लावै तो गुरु गौरखनाथ की आन।

इस लेख में, हम वशीकरण मंत्र के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और यह जानेंगे कि इसका उपयोग कैसे किया जाता है और इसके पीछे की विज्ञानिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण क्या है।

विधि: किसी भी सोमवार को, चार लौंग को पान के पत्ते में लपेटकर अपने मुँह में रखें। इसके बाद, किसी नदी या सरोवर में स्नान करते हुए डुबकी लगाएँ। डुबकी के दौरान, इस मंत्र का इक्कीस बार जाप करें। फिर पानी से बाहर निकलकर मुँह में रखी हुई लौंग को निकालें और उसे धूप दिखाएं। यह लौंग जिसे भी खिला दी जाएगी, वह व्यक्ति साधक के प्रभाव में आ जाएगा।

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